छः राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म हो गए,
नेताओं ने कहा हम तो अब काम से मुक्त हो गए।
उन्होंने सोचा, अब तो पाँच साल अपने क्षेत्र में ऐश करेंगे,
खूब बढ़-चढ़कर मासूम और दुर्बल जनता के विकास का पैसा कैश करेंगे॥
लोग कहेंगे, विधायक जी हमारे और क्षेत्र के लिए ज़रा काम-वाम तो कीजिये,
वो कहेंगे, अरे भाई ज़रा आराम तो करने दीजिये।
लोग कहेंगे, आप फिर पुराने ढर्रे पर आ गए,
वो कहेंगे, हम नए पे गए ही कहाँ थे॥
लोग कहेंगे, आपने तो क्षेत्र के विकास का वादा किया था,
नेताजी कहेंगे, वो तो हमने पिछले चुनाव में भी किया था।
लोग कहेंगे, हम आपको अगले चुनाव में आपकी औकात दिखा देंगे,
नेताजी बेशर्मी से कहेंगे, उससे पहले हम अगले पाँच साल में आपका खून चूसकर पानी में बहा देंगे॥
नेताजी की अब आम जनता देखेगी चतुराई,
वो सभी मिलकर एक साथ कहेंगे, हम तो अब करेंगे आप सबकी भलाई।
आश्वासन देने में ये अब पीछे न रहेंगे,
लेकिन ये लोग जनता और क्षेत्र के लिए काम कोई गलती से भी न करेंगे॥
हमने अब देखी इन नेताओं की अपने काम के प्रति वफादारी,
ये सब वरत रहे हैं अपने राजनीति के पेशे के साथ पूरी ईमानदारी।
वाह रे हमारे देश के नेता,
फिर अगले पाँच साल के लिए मारी जायेगी भोली-भली जनता बेचारी॥
2 टिप्पणियां:
waah गुरु क्या बात कही AAPNE ... आपके लिखने में धार है ..इसी तरह लिखते रहिये ....
badhiya pryas hai.age bhi aise hi likhte rahiye.
एक टिप्पणी भेजें