रविवार, 30 नवंबर 2008

वाह रे मापदंड और हमारी सुरक्षा व्यवस्था..

मुंबई में २६ नवम्बर को सीएसटी, ताज होटल, नरीमन हाउस और ओबेराय होटल पे हुए आतंकी हमले को मीडिया और सरकार अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला बता रही है । मुझे लगता है की रेपुटेड स्थानों पर हमला होने के कारन इसे अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा है। क्योकि इस बार आम आदमी की बजाये इन आतंकियों का निशाना ऐसा बर्ग बना है जिसे हमारे समाज में अमीर कहा जाता है। इस घटना के शिकार कुछ बिदेशी नागरिक भी हो गए जिस कारन शायद इसे मुंबई के लोकल ट्रेन में हुए आतंकी हमले से भी बड़ा बताया गया। क्योकि मुंबई के लोकल ट्रेन में मरने वाला व्यक्ति कोई बिदेशी या अमीर आदमी नही था, वो एक आम आदमी था। हमारे देश में इन आतंकी हमलों में मरने वालों को इस बात से नहीं आंका जाता है, की वो इंसान हैं। उन्हें इस बात से आँका जाता है की वो समाज के किस बर्ग से सम्बन्ध रखते हैं।
हमारे सुरक्षा तंत्र ने सपने में भी नहीं सोचा होगा की ताज और ओबेराय जैसे पाँच-सात सितारा होटलों में भी ऐसी घटना हो सकती है। अब यहाँ सोचने वाली बात यह है की कैसे १० आतंकवादी स्वचालित हथियार और हैण्ड ग्रेनेड जैसे खतरनाक विस्फोटक लेकर समुन्द्र के रास्ते मुंबई में प्रवेश कर गए। जब मछुवारों ने कुछ संदिग्ध लोगों की सूचना पुलिस को दी तो पुलिस ने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया। यह हमला निसंदेह हमारे देश की सुरक्षा व्यवस्था के ढुलमुल रवैये को हमारे सामने उजागर करता है। अगर हमारी सरकार जातियों और वोट की राजनीति से ऊपर उठकर आम नागरिक की सुरक्षा के बारे में गंभीर होकर नहीं सोचेगी, तब तक ये आतंकी हमले हमारे देश में होती रहेगी।

बुधवार, 26 नवंबर 2008

इंग्लैंड को धो डाला..

भारत ने इंग्लैंड को सात एकदिवसीय मैचों की श्रंखला में ५-० से हराया। अगर मुंबई की आतंकवादी घटना के कारन इंग्लैंड की टीम दौरा बीच में रद्द नहीं करती तो हमारी टीम का होमवर्क बता रहा था की वह मेहमान टीम को ७-० से हराकर ही दम लेती । अभी हमने कुछ ही दिन पहले अपने आप को क्रिकेट का बाप समझने वाले कंगारुओं को ४ मैचों की टेस्ट श्रंखला में २-० से ऐसी पटखनी दी की निसंदेह पोंटिंग और उनकी टीम को अपनी असलियत और औकात दोनों ही पता चल गई होगी। धोनी के नेतृत्व में वर्तमान युवा टीम अपने पूरे दमख़म में नज़र आ रही है। धोनी एक ऐसे कैप्टेन के रूप में सामने आ रहे हैं जो, जैसा चाहते हैं अपनी टीम से वैसा ही रिजल्ट निकलवाने का कौसल और मैनजमेंट रखते हैं। बिचारे इंग्लैंड वालों ने हमारे यहाँ आने से पहले सोचा भी नही होगा की उनकी उस भारत में ऐसी दुर्गति हो जायेगी जहाँ उन्होंने २०० वर्षों तक राज किया था। लगे रहो धोनी के रणबाकुरों, पूरी दुनीया की क्रिकेट टीमों को उनकी औकात दीखाने का वक्त आ गया है।