भारत ने इंग्लैंड को सात एकदिवसीय मैचों की श्रंखला में ५-० से हराया। अगर मुंबई की आतंकवादी घटना के कारन इंग्लैंड की टीम दौरा बीच में रद्द नहीं करती तो हमारी टीम का होमवर्क बता रहा था की वह मेहमान टीम को ७-० से हराकर ही दम लेती । अभी हमने कुछ ही दिन पहले अपने आप को क्रिकेट का बाप समझने वाले कंगारुओं को ४ मैचों की टेस्ट श्रंखला में २-० से ऐसी पटखनी दी की निसंदेह पोंटिंग और उनकी टीम को अपनी असलियत और औकात दोनों ही पता चल गई होगी। धोनी के नेतृत्व में वर्तमान युवा टीम अपने पूरे दमख़म में नज़र आ रही है। धोनी एक ऐसे कैप्टेन के रूप में सामने आ रहे हैं जो, जैसा चाहते हैं अपनी टीम से वैसा ही रिजल्ट निकलवाने का कौसल और मैनजमेंट रखते हैं। बिचारे इंग्लैंड वालों ने हमारे यहाँ आने से पहले सोचा भी नही होगा की उनकी उस भारत में ऐसी दुर्गति हो जायेगी जहाँ उन्होंने २०० वर्षों तक राज किया था। लगे रहो धोनी के रणबाकुरों, पूरी दुनीया की क्रिकेट टीमों को उनकी औकात दीखाने का वक्त आ गया है।
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